“Rich Dad Poor Dad” वित्तीय प्रबंधन (Financial planning) पर लिखी गयी एक बहुचर्चित (best seller) पुस्तक है | रोबर्ट कियोसाकी (Robert Kiyosaki) ने अमीर और गरीब पिता के माध्यम से बहुत ही सुन्दर तरीके से अमीर और गरीब व्यक्तियों के विचारों, कार्यशैली, तथा वित्तीय प्रबंधन के अंतर / विरोधाभास को उजागर किया है | Robert Kiyosaki बताते हैं कि अमीर बनने के लिए अधिक पैसा कमाने से ज्यादा ज़रूरी पैसे का सही investment (निवेश) और management (प्रबंधन) है |
आज का मध्यम वर्ग (Middle class) कई तनावों से जूझ रहा है | नौकरी और पैसे कमाने का दबाव | अच्छी से अच्छी चीजों, सुविधाओं को जल्द से जल्द पाने का दबाव | लोन (ऋण) और क्रेडिट कार्ड की किश्तों को चुकाने का दबाव | और इन सभी दबावों से छुटकारा पाने के लिए और अधिक पैसा कमाने का दबाव | कुल मिलाकर, वह एक विषम चक्र में फंसा हुआ है | काम, आमदनी, खर्चे, अधिक काम, अधिक आमदनी और अधिक खर्चे के चक्र में |
सच यह है कि पैसों का सही इस्तेमाल करना यानी वित्तीय प्रबंधन हमें सिखाया
ही नहीं जाता है | स्कूलों में वित्तीय प्रबंधन पर कोई शिक्षा नहीं दी जाती है | जिससे
बच्चों को शुरू से यह ज्ञान नहीं मिल पाता है कि वो अपने पैसों का किस प्रकार सदुपयोग
करें कि उनकी आमदनी बढे और वे अनावश्यक दिखावे और उधार के मकड़ जाल में ना फंसे |
घर में भी ज़्यादातर माता-पिता सही सलाह नहीं दे पाते क्यों की उन्हें स्वयं
ही पैसे के प्रबंधन का सही ज्ञान नहीं होता | इसलिए वे भी पुरानी धकियानुसी बातों को दोहराते
रहते हैं | “पैसा सभी समस्याओं की जड़ है |”, “खूब पढाई करो और नौकरी करो|”, “पैसे
को संभाल कर रखो, कोई Risk (जोखिम) मत उठाओ |”, “वह सब अपनी औकात से बाहर है |”
जबकि “Rich Dad Poor Dad” में अमीर पिता बताते
हैं कि “पैसा नहीं बल्कि पैसे की कमी सभी समस्याओं की जड़ है |”, “मैं अमीर नहीं बन
सकता कहने के बजाय, मैं अमीर कैसे बन सकता हूँ यह सोचो |”, “पैसे का सही इन्वेस्टमेंट
करना सीखो |”, “Financial Risk (वित्तीय जोखिम) से डरने के बजाय जोखिम को सही से
समझ कर निवेश करना सीखो |”
Robert
Kiyosaki कहते हैं
कि धन कमाने के दो तरीके हैं –
1. व्यक्ति पैसे
कमाने के लिए काम करे, या
2. पैसा पैसे
कमाने के लिए काम करे |
काम करना, जो कि आसान है, सभी सीख लेते हैं | पर पैसे से काम करवाने की कला सभी नहीं सीख पाते | पैसे से काम कराना मतलब है पैसे को अधिक लाभ देने वाले इन्वेस्टमेंट (निवेश) में बदलना और उस इन्वेस्टमेंट से आय प्राप्त करना |
गरीब और मध्यम वर्ग की क्या समस्या है ?:
किताब में Robert Kiyosaki बताते हैं कि गरीब और मध्यम वर्ग के लोग इसलिये फंसे रहते हैं क्यों कि वे अमीरों की तरह दिखना चाहते हैं | अमीरों जैसा दिखने के लिए वे ऐसी चीजें खरीदते हैं जिनसे कोई आय प्राप्त नहीं होती है | जैसे महेंगे कपड़े, महंगा मोबाइल, महंगी गाड़ी, बड़ा घर इत्यादि | वे यह नहीं जान पाते कि अमीर पहले निवेश से आय बढ़ाते हैं और फिर उस बढ़ी हुई आय से वे महंगे सामान (luxury items) खरीदते हैं |
इसीलिए अमीर, मध्यम और निम्न वर्ग के cash flow (कितना पैसा कहाँ-कहाँ से आयेगा और कितना पैसा कहाँ-कहाँ खर्च होगा) में बहुत अंतर होता है | अमीर Assets / सम्पत्तियाँ बढ़ाते हैं जबकि मध्यम वर्ग Libilities / देनदारियां बढाने में लगा रहता है |
निम्न या गरीब वर्ग अपना सारा पैसा खाने पीने, घर चलने में निकाल देता है और
यदि कुछ बचाता है तो उसे मौज मस्ती में उड़ा देता है | माध्यम वर्ग बचे पैसे से महंगी चीज़ें खरीदकर अपनी Liabilities (देनदारियां) बढ़ा लेता है | जबकि अमीर वर्ग सबसे पहले पैसों को invest (निवेश) करता है, जिससे उसकी आय बढ़ती है और साथ-साथ sources
of income (आय के स्रोत) भी बढ़ते हैं | फिर बचे पैसों को वह खर्च करने के लिए इस्तेमाल करता है | गरीब और मध्यम वर्ग केवल नौकरी या एक
निश्चित आमदनी के सहारे ही चलता रहता है |
मध्यम और निम्न वर्ग के आर्थिक रूप से मज़बूत नहीं होने के मुख्य कारण हैं :
1. वे
आमदनी को सिर्फ काम करने से जोड़ते हैं जो की सही नहीं है | वे इन्वेस्टमेंट करके आय
और साथ-साथ आय के स्रोत बढ़ा सकते हैं, पर बढ़ाते नहीं हैं |
2. वे
स्वयं को पहले देने की आदत नहीं डालते | खुद को पहले देने का मतलब अपनी आमदनी का
पहला हिस्सा खुद को देकर उसको अविलम्ब इन्वेस्ट करना है | यानी अपनी अन्य
देनदारियों को अदा करने में भले ही कभी चूक हो जाये पर खुद को देने में कभी चूक
नहीं होनी चाहिये | अधिकतर लोग पहले सारे खर्चे करते हैं फिर यदि कुछ बच जाता
है तो उसे निवेश करते हैं |
3. Assets
और Liabilities में भेद नहीं समझना | अकसर लोग अपने मंहगे सामान, कपड़े, कार, या घर को अपनी सम्पत्ति मानते हैं | किन्तु वित्तीय
दृष्टि से यह सच नहीं | “Rich Dad Poor Dad”
में Robert Kiyosaki कहते हैं कि इस तरह के इन्वेस्टमेंट से कोई आय प्राप्त
नहीं होती है और इनकी वजह से अतरिक्त खर्चे बढ़ जाते हैं | इसलिए इन्हें संपत्ति
मानना सही नहीं है | वो बताते हैं कि संपत्ति केवल उन्ही इन्वेस्टमेंट को माने
जिनसे आय प्राप्त हो | Robert Kiyosaki घर को भी संपत्ति मानने से इनकार करते हैं |
किताब की कुछ मुख्य बातें:
- वित्तीय शिक्षा स्कूल में नहीं दी जाती है, वित्तीय प्रबंधन हमें स्वयं ही सीखना पड़ता है | शायद इसीलिए पढ़े लिखे और समझदार लोग भी पैसे के विषय में सही निर्णय नहीं ले पाते हैं |
- अमीर बनना है तो पैसे के लिए काम करने के बजाए पैसे से काम कराना सीखो | आपका पैसे भी आपको पैसा कमा कर देता है अगर आप पैसे को सही जगह लगाते हैं और उस निवेश से आय प्राप्त होने लगती है |
- आपके अमीर बनने की शुरुआत तब होगी जब आपकी संपत्ति से उत्पन्न मासिक आय आपके महीने के खर्चो के बराबर हो जाएगी | यानी निवेश से प्राप्त आय आपके मासिक खर्चे पूरे कर सके |
- आप कितने धनवान हैं यह आंकने के लिए जानिये कि आप बिना काम करे कितने दिनों तक गुज़ारा चला सकते हैं |
रोबर्ट कियोसाकी (Robert Kiyosaki) के अनुसार आप अमीर बन सकते है यदि आप:
- समझ लें कि आपके केवल वही निवेश (Investment) हैं जिनसे आय प्राप्त हो रही हो आपकी संपत्ति हैं | यदि निवेश से कोई आय प्राप्त नहीं हो रही है तो वह एक देनदारी (Liability) हो सकती है पर संपत्ति बिलकुल नहीं | जैसे देनदारियाँ आपके व्यय को बढ़ाती हैं वैसे ही संपत्तियों से आपकी आय बढानी चाहिये |
- स्वयं को पहले देना सीख लें | यानी अपनी आय के पहले हिस्से को निवेश के लिए प्रयोग करें फिर बचे भाग को खर्चे के लिए प्रयोग करें | अधिकतर लोग पहले सारे खर्चे करते हैं फिर यदि कुछ बच जाता है तो उसे निवेश करते हैं |
खर्च करने के बाद जो पैसा बचता है उसे बचत के लिए उपयोग न करें। बल्कि सिर्फ वही पैसा खर्च करें जो बचत के बाद बचता है। - वॉरेन बफेट
- आमदनी बढ़ने पर खर्चे / देनदारियों को भी साथ-साथ नहीं बढ़ाते, बल्कि निवेश (investment) से प्राप्त आय बढ़ने के आधार पर अपने खर्चे / देनदारियों को बढ़ाते हैं |
- अधिक आय (yield) देने वाले स्रोतों में निवेश करें, सिर्फ पैसा बचा लेने या fixed deposit करने से काम नहीं चलेगा |
पैसे से कड़ी मेहनत करवाना चाहिये:
रोबर्ट किओसाकी (Robert Kiosaki) ने वित्तीय प्रबंधन को साधारण भाषा में समझाने का प्रयास किया है | वह ये नहीं बताते कि आपको अपनी आय का कितना हिस्सा निवेश के लिए प्रयोग करना है | फिर उस निवेश का कितना हिस्सा कम जोखिम और अधिक जोखिम निवेशों में बांटना है | यह वह व्यक्ति के स्वयं के आकलन पर छोड़ देते हैं |
रोबर्ट कियोसाकी (Robert Kiyosaki) न्यूनतम जोखिम निवेशों को सही नहीं मानते हैं | उनके अनुसार पैसे को आराम से काम नहीं करने देना है, उससे कड़ी मेहनत करानी है | आपका उद्देश्य निवेश से प्राप्त आय को बढ़ाना है और अमीर बनना है | इसके लिए कुछ जोखिम उठाना आवश्यक है | किन्तु वे पहले जोखिम को भली प्रकार समझने की सलाह देते हैं ताकि आप एकाग्रचित्त (Focussed) होकर सही निर्णय ले सकें | निवेश से डरने से नहीं, निवेश को समझाने से जीवन सुखी होगा |
Rich Dad Poor Dad में रोबर्ट कियोसाकी (Robert Kiyosaki) कहते हैं कि आप पैसे के लिए काम करते हैं तो आपको उस कमाई पर अधिक टैक्स देना पड़ता है | पर जब पैसा पैसे के लिए काम करता है तो उसपर कम टैक्स लगता है | क्योंकि capital gain tax, personal tax से कम होता है |
निष्कर्ष:
- पैसे के लिए काम करना आसान है, पैसे से काम कराना सीखना आवश्यकता है |
- केवल बचत (savings) करना ही नहीं बल्कि बचत का सही निवेश (investment) करना आपका उद्देश्य होना चाहिये |
- बहुत पढ़े लिखे और समझदार लोग भी वित्तीय प्रबंधन की समझ नहीं रखते हैं |
- निवेश से डरे नहीं, निवेश करते रहें, आपके सामने निवेश के नए रास्ते खुलेंगे | निवेश की समझ आपको जोखिम प्रबंधन भी सिखायेगी|
आपके लिए कुछ प्रश्न:
- कहीं आप पैसा खोने के डर से अधिक लाभ देने वाले निवेश से दूर तो नहीं भाग रहे ?
- क्या आप साधारण आय (earned income) को निष्क्रिय आय (passive income) या पोर्टफोलियो (portfolio income) आय में बदलने में देरी तो नहीं करते ?
- क्या आपके निवेश inflation adjustment (मुद्रा स्फ़ीति घटाने) के बाद कम से कम 4% की आय दे रहे हैं ?
- क्या आपके पोर्टफोलियो में अधिक आय वाले किन्तु अधिक जोखिम वाले निवेश का कुछ हिस्सा है ?
संक्षिप्त और उपयोगी विवरण 👌
ReplyDeleteबहुत दिनों से ये पुस्तक पूरी पढ़ने की कोशिश कर रहा था लेकिन समय के अभाव में पूरा नहीं पढ़ पाता था । इतने संक्षिप्त रूप में ये लेख पढ़ कर पुस्तक की मूल भावना समझ में आ गयी । सादर धन्यवाद
ReplyDeleteबहुत संक्षेप में इस बहुचर्चित पुस्तक का सार प्रस्तुत करने के लिए लेखक बधाई के पात्र हैं। आगामी लेखों का इंतज़ार रहेगा।
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